कमलेश कुमार लखीमपुर खीरी
पुलिस व वन विभाग की शह पर हो रहा कटान,जिम्मेदार अधिकारियों ने साध रखी है चुप्पी।लियाकलां-खीरी। पुलिस व वन विभाग से साठगांठ कर लकड़ी ठेकेदार रात दिन हरे पेड़ काट रहे हैं। वहीं, जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने हुए हैं। सरकार पर्यावरण को लेकर जितना संजीदा है। उतना ही लकड़ी ठेकेदार हरियाली को नष्ट करने पर आमादा हैं।
थाना क्षेत्र में इन दिनों बगैर परमिट हरे भरे पेड़ों पर आरा चल रहा है। पिछले कुछ महीनो से वन विभाग पर्यावरण संतुलन के लिए पौध रोपण करा रहा था, जिस पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया गया है। बावजूद इसके आम, महुआ, नीम, शीशम व सागौन जैसे पेड़ों को ठेकेदार काटकर उठा ले जाते हैं। वहीं, क्षेत्र में हो रही हरे वृक्षों की कटान के लिए वन विभाग को पुलिस जिम्मेदार ठहराती है। वहीं, वन विभाग हमेशा स्टाफ व संसाधनों का रोना रोता है।
जंगल, गांव, खेत, ग्रांट एक्ट की भूमि से काटकर बेची जाती है बहुमूल्य लकड़ियां।
जिले का सबसे अधिक क्षेत्रफल का दुधवा जंगल है। इनमें शीशम, सागौन जैसे कीमती लकड़ियों के पेड़ मौजूद हैं। इसके बावजूद भी कई लकड़ माफियाओं का गिरोह तमाम जगहों से फर्जी परमिट बनवा कर अवैध तरीके से लकड़ियां कटवाते हैं और देर रात उन सभी बेशकीमती लकड़ियों को ट्रैक्टर ट्रालियों में भर कर खुलेआम सड़कों पर फर्राटा भरते हुए नजर आते हैं। कई बार इसकी सूचना वन विभाग को दी गई लेकिन वन विभाग में बैठे कुछ कर्मचारी व अधिकारी इन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने और बोलने में पीछे हट जाते हैं अब देखना होगा की पुलिस वन विभाग की हो रही जमकर फजीहत में विभागों के उच्च अधिकारी आगे क्या कार्रवाई करते हैं।
इन क्षेत्रों में होती है लकड़ी की अवैध कटान।
थाना क्षेत्र के सम्पूर्णानगर, कृष्णा नगर, बसही, कमलापुरी, खजुरिया, बम नगर, सुमेर नगर आदि गांवों में अवैध ढंग से प्रतिबंधित पेड़ काटे जाते हैं। कई बार स्थानीय लोगों ने वन विभाग व पुलिस महकमे को सूचनाएं दी लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ ठेंगा ही दिखाया गया है।
































