Home Uncategorized 17 दिसंबर हरिद्वार रोशनाबाद सिडकुल में काकोरी के शहीदों की याद में...

17 दिसंबर हरिद्वार रोशनाबाद सिडकुल में काकोरी के शहीदों की याद में श्रद्धांजलि सभा एवं सिडकुल में जुलूस

15
0

17 दिसंबर हरिद्वार रोशनाबाद सिडकुल में लेबर चौक पर काकोरी के शहीदों की याद में श्रद्धांजलि सभा एवं सिडकुल में जुलूस निकाला गया!
17 दिसंबर1927 को राजेंद्र लाहडी को ब्रिटिश सरकार ने फांसी पर लटका दिया था ! अन्य 3 क्रांतिकारियों को 19 दिसंबर 1927 को अलग-अलग जेलों में फांसी दी गई थी! श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए इंकलाबी मजदूर केंद्र के हरिद्वार प्रभारी पंकज कुमार ने कहा कि आज क्रांतिकारियों की साझी शहादत साझी विरासत को याद करने का अवसर है देश के अंदर फासीवादी विचार तेजी से बढ़ रहे हैं जो मजदूर मेहनतकशों की जिंदगी को तबाह बर्बाद कर रही हैं। रामप्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन होने के बाद ‘क्रांतिकारी’ शीर्षक से निकाली गई एक पुस्तिका में साफ-साफ यह घोषणा कर दी गई थी कि ‘मनुष्य द्वारा मनुष्य के शोषण का अंत होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
इंकलाबी मजदूर केन्द्र के जय प्रकाश ने कहा कि अपने उद्देश्य की भांति इन कतिकारियों का बलिदान भी बहुत बड़ा था। यही वजह है कि देश की जनता के दिलों में आज भी ये कांतिकारी बसते हैं। लेकिन इनके सपनों का भारत बनना अभी भी बाकी है क्योंकि ब्रिटिश साम्राज्यवादियों से आज़ादी के बाद हमारे देश में मजदूरों मेहनतकशों का नहीं बल्कि पूंजीपतियों का शासन कायम हुआ। आज़ाद भारत की सभी सरकारों ने मजदूरों मेहनतकशों के शोषण पर टिकी पूंजीवादी शासन प्रणाली को ही आज केंद्र की सत्ता में मौजूद हिंदू फासीवादी सरकार तो एकदम खुले रूप में कारपोरेट पूजीपतियों के हितों को आगे बढ़ा रही है। आज एक तरफ किया। देश की सम्पदा को पूंजीपतियों पर लुटाया जा है तो वहीं दूसरी तरफ हिंदू-मुसलमान के सांप्रदायिक विभाजन को खतरनाक स्तरों तक पहुंचा दिया गया है।
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की नीता ने कहा कि आजादी के क्रांतिकारियों के विचारों ही नहीं उनके नामों को भी दफन किया जा रहा है तब ऐसे दौर में क्रांतिकारियों की हस्ती एवं उनके विचारों का जिंदा रखना व उनके अधूरे सपनों को पूरा करने के लिये पूंजीवाद और फासीवाद के विरुद्ध क्रांतिकारी आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना ही वास्तव में काकोरी के
शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
राजा बिस्किट के मजदूर नेता बृजेश कुमार ने कहा कि सांप्रदायिक दंगे और उनके इलाज में भगत सिंह का कथन आज भी प्रसांगिक है भगतसिंह के शब्दों में- “संसार के सभी गरीबों के चाहे किसी भी जाति, धर्म, नस्ल, या राष्ट्र के हो, अधिकार एक ही है। तुम्हारी भलाई इसी कि तुम धर्म, रंग, नस्ल, और राष्ट्रीयता व देश के भेदभाव मिटाकर एकजुट हो जाओ और सरकार की ताकत अपने हाथ में लेने का यत्न करो”
जुलूस एवं श्रद्धांजलि सभा में निर्मला, अनीता, बबीता ,संतरेश ,बृजमोहन, बृजेश, विशन पुरी, सुनील रावत ,मोहन प्रसाद, बच्चा प्रसाद, रजनीश त्यागी, विजय, दीपक समेत दर्जनों मजदूर उपस्थित रहे! ब्यूरो रिर्पोट

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here