मातृत्व अवकाश दिवस 28 जुलाई 1928 को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने बाम्बे विधान परिषद सदस्य के रूप में कामगार (नौकरी करने वाली) महिलाओं को मातृत्व अवकाश दिए जाने वाली बिल का समर्थन करते हुए पास कराया था। आज मातृत्व अवकाश की सुविधा नौकरीनकरणे वाली हर महिला को मिली हुई है। चाहे वह किसी भी समाज की हो। ये बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की देन है। नारियों को मूलभूत अधिकार के लिए हिंदू कोड बिल पारित करवाने के लिए बाबा साहब काफी चिंतित थे। वह कहते थे..मुझे भारतीय संविधान निर्माण से ज्यादा दिलचस्पी और खुशी हिंदू कोड बिल पास करवाने में है किन्तु हिन्दू कोड बिल के प्रबल विरोध के कारण उस समय पास कराना सम्भव नहीं हो सका।
बाबा साहब हिंदू कोड बिल सहित ओबीसी के कई मुद्दों को लेकर 27 सितंबर 1951 को केंद्रीय कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सभी महिलाओं और ओबीसी को बाबा साहब का ऋणी होना चाहिए था किन्तु हिन्दुत्व विचारधारा की मानसिक गुलाम होने के कारण आजंतक बाबा साहब को नही समझ पाए हैं।
बाबासाहब युग पुरुष थे, उन्होंने हर वर्ग के हित में कार्य किया। ऐसे महापुरुष को कोटि कोटी नमन जयभारत!! जय संविधान!