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बौद्ध विहारों से कब्जा हटाने को बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क व कई संगठनों का विरोध प्रदर्शन

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प्रधान संपादक सुनील कुमार

बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क एवं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के आह्वान पर 9 सितंबर 2023 के भारत बंद के समर्थन में उत्तराखंड के जिला हरिद्वार में रुड़की के ग्राम इब्राहिमपुर के रविदास मंदिर से नगर निगम रुड़की संविधान निर्माता बाबा साहेब की प्रतिमा तक भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा ,राष्ट्रीय मूल निवासी महिला संघ,भारतीय विद्यार्थी मोर्चा, राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा ,भारतीय किसान मोर्चा, राष्ट्रीय मूल निवासी अत्यंत पिछड़ी अनुसूचित जाति जागृति मोर्चा, चमार वाल्मीकि महासंघ आदि संगठनो के कार्यकर्ता ने विदेशी आर्य ब्राह्मण के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए सभी संगठनों के पदाधिकारी एवं मूल निवासी बहुजन समाज के जागरूक महिला -पुरुषों ने बामसेफ के उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी हेम सिंह राहुल के नेतृत्व में प्रदर्शन कर भारत बंद का समर्थन किया।
ब्राह्मणों द्वारा जबरन कब्जा किए हुए बौद्ध विहारों से कब्जा हटाने के लिए, बौद्ध स्थल काशी -मथुरा पर विदेशी ब्राह्मणों द्वारा कब्जा करने के विरोध में, डीएनए के आधार पर विदेशी ब्राह्मणों के द्वारा भारत के लोगों पर नाजायज सत्ता करने के विरोध में, आजादी के 77 साल बाद भी 52% ओबीसी की जाति जनगणना न करने के विरोध में, विदेशी ब्राह्मणों द्वारा ‌ईवीएम से लोकतंत्र की हत्या करने के विरोध में, बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क एवं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के आह्वान पर आंदोलन के चौथे चरण भारत बंद का समर्थन करते हुए बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रदेश संयोजक भंवर सिंह ने कहा कि बहुजन क्रांति मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक मूल निवासी महानायक माननीय वामन मेश्राम जी ने कहा कि सबसे बड़ा आतंकवादी -ब्राह्मणवादी ब्राह्मणवादी। विदेशी ब्राह्मणों ने क्या किया- देश का सत्यानाश किया ।काशी -मथुरा किसकी है ,मूल निवासी बौद्धों की है। ईवीएम हटाओ- देश बचाओ। श्री सिंह ने कहा कि आजाद भारत में 1996 में बधानी टोला में 21 दलितों की हत्या ,1997 में बिहार के लक्ष्मणपुर बाथे में 58 दलितों की हत्या, 1999 में बिहार के शंकरपुर बिगहा में 24 दलितों की हत्या, 1999 में आंध्र प्रदेश के सुंदरपुर में 8 दलितों की हत्या, 1999 में तमिलनाडु विदव लाई में 7 महिला सहित 19 दलितों की हत्या, 2000 में बिहार के मियांपुर में 45 दलितों की हत्या, 2006 में महाराष्ट्र के खैरलांजी में चार दलितों की हत्या, 2007 में राजस्थान के धौलपुर में चार दलितों की हत्या, 2008 में उड़ीसा के कंधमाल में चार दलितों की हत्या, 2015 में राजस्थान के नागौर में चार दलितों की हत्या। 1984 में हजारों सिखों की हत्या।
5% आरक्षण मांगने पर 72 गुर्जर युवाओं की हत्या, 4% आरक्षण मांगने पर 17 जाट युवाओं की हत्या, 6% आरक्षण मांगने पर 87 पटेल युवाओं की हत्या ,तीन प्रतिशत आरक्षण मांगने पर 15 मीणा युवाओ की हत्या करने वाले ब्राह्मणवादी भारत के मूल निवासियों के हित चिंतक कैसे हो सकते हैं।
मूल निवासी महिलाओं को नंगा घूमने वाले और उनके साथ सामूहिक बलात्कार कर हत्या करने वाले, भारत के मूल निवासियों के मुंह पर पेशाब करने वाले, उनको मल मूत्र खिलाने पिलाने वाले, आतंकवादी ही ब्राह्मणवादी है।
घोड़ी चढ़ने पर दलित -पिछड़ों की हत्या करने वाले, मूछ रखने पर, मंदिर में प्रवेश करने पर, पानी का घड़ा छूने पर दलित छात्र की हत्या , कुर्सी पर बैठने पर, चक्की के पाठ को छूने पर,गाय के नाम पर एवं लव जिहाद के नाम पर मुसलमान की, रोजगार मांगने पर युवाओं की ,अपना हक मांगने पर किसानों की, और हक का साथ देने पर छात्रों की हत्या करने वाले ब्राह्मणी ही सबसे बड़े आतंकवादी है। भारतीय संविधान को जलाने वाले, भारतीय संविधान को नहीं मानने वाले, भारतीय संविधान के विरुद्ध कार्य करने वाले ,देश की संपदा को बेचकर विदेशों में जमा करने वाले, देश की सरकारी शिक्षण संस्थानों को खत्म करने वाले ब्राह्मण भारत के मूलनिवासी कैसे हो सकते हैं।
बलात्कार को छोटी घटना कहने वाले, बलात्कार के लिए लड़कियां ही जिम्मेदार है कहने वाले, औरतों को आजादी चाहिए तो नंगी घूमे यह कहने वाले, दलित और महिलाएं मार खाकर सीधे रहते हैं यह कहने वाले, किसान मरते हैं तो मरने दो हम क्या करें ,दलित तो कुत्ते हैं कहने वाले , भारत में पैदा होने पर शर्मिंदा होने वाले,भारत के मूल निवासी सिखों को खालिस्तानी, दलित को आरक्षण वादी, मुसलमान को पाकिस्तानी और गद्दार, कश्मीरी को आतंकवादी, किसान को नशेड़ी एवं अवसर वादी, सीनियर सिटीजन को देश पर बोझ, बेरोजगारों को मुफ़्तखोर ,सिंदूर न लगाने वाली महिला को खाली प्लाट, आदिवासी को नक्सलवादी और ओबीसी को जातिवादी करने वाले ब्राह्मण भारत के मूल निवासी कैसे हो सकते हैं।
सुरेश कुमार, फौजी नैन सिंह, प्रदीप कुमार, सविता, बबीता बौद्ध, संतोष, जग रोशन देवी, रेखा देवी, मोहम्मद नसीर अहमद, मनीष, शिव कुमार ,प्रधान नरेश, रविंद्र कुमार ,चौधरी रूपचंद ,विशेष कुमार, अमित कुमार, सोनू, रवि कुमार ,संदीप, धनपाल ,बलकार, रॉकी, जोगिंदर उप प्रधान ,ओम कुमार, अमन कुमार, दीपचंद अघेरिया, ऋषिपाल, सुभाष, धर्मपाल ,शेर सिंह, राम सिंह, भरत सिंह ,पास्टर राहुल, पास्टर धर्मेंद्र, पास्टर सुरेंद्र, पास्टर दुलारे, पास्टर जितेंद्र कुमार, दौलत, भोपाल, मदन, बाबू,,बलसिंह और शेर सिंह आदि ने भाग लिया
भंवर सिंह (प्रदेश संयोजक)बहुजन क्रांति मोर्चा उत्तराखंड

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