चमोल तेल कलश गाडू घड़ा और आदिगुरू शंकराचार्य की गद्दी के नृसिंह मंदिर से रवाना होने से पूर्व स्थानीय महिला मंगल दलों से जुड़ी महिला समूहों ने मांगलिक गीत गाकर भगवान बदरी विशाल के जयकारे लगाए हुए मुख्मंत्री पुजारी रावल सहित आदिगुरु की पवित्र गद्दी को बदरीनाथ धाम के लिए विदा किया।
शनिवार की सुबह उद्धव और कुबेर की चल विग्रह डोलियों के साथ शंकराचार्य जकी गद्दी बदरीनाथ धाम के लिए निकलेगी। जिसके बाद आठ मई को ब्रह्ममहुर्त पर भगवान बद्रीविशाल के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे।
जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की उपस्थिति में मां लक्ष्मी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना और पगड़ी पूजा की गई। इस दौरान धर्माधिकारी, अपर धर्माधिकारी, वेद पाठी, मंदिर समिति से जुड़े तमाम हक हकुकधारियों के साथ-साथ कुल पुरोहित ने शंकराचार्य की गद्दी को रवाना करने से पहले वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना की। ब्यूरो रिपोर्ट































