बहुजन क्रांति मोर्चा के बैनर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओ के द्वारा राजस्थान के जालौर में अनुसूचित जाति के 9 साल के मासूम छात्र इंद्र कुमार मेघवाल कि पानी के मटके छूने से स्कूल के जातिवादी हेडमास्टर ने मासूम इंद्र कुमार की पीट पीट कर हत्या कर दी उसके विरोध में सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय हरिद्वार पर प्रदर्शन कर माननीय सिटी मजिस्ट्रेट महोदय के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदया के नाम ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।
बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रदेश संयोजक भंवर सिंह एवं राष्ट्रीय मूलनिवासी अत्यंत पिछड़ी अनुसूचित जाति जागृति मोर्चा के प्रदेश प्रभारी राजेंद्र श्रमिक ने बहुत ही दुखी मन से कहा कि आजादी के 75 साल बाद जब सारा देश आजादी का 75वांअमृत महोत्सव मना रहा है तब राजस्थान के जालोर में अनुसूचित जाति के 9 साल के छात्र मासूम इंद्रकुमार मेघवाल को स्कूल में पानी का मटका छूने पर जातिवादी हेड मास्टर शैलू सिंह ने पीट-पीटकर मासूम इंद्र कुमार मेघवाल को मौत के घाट उतार दिया है।
आजादी के 75 साल के बाद देश के मूलनिवासी बहुजन समाज के साथ छुआछूत कर मनुवादी व्यवस्था को कायम रखने पर मूलनिवासी बहुजन समाज के लिए आजादी के अमृत महोत्सवो के क्या मायने है? आज भी समाज के बच्चे के साथ छुआछूत कर जातिवादी मानसिकता के कारण पानी का घड़ा छूने पर पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया जाता है। उस मूलनिवासी बहुजन समाज के लिए आजादी का अमृत महोत्सव कैसे हो सकता है? 105 साल पूर्व 1917 में बाबा साहेब का उनके ऑफिस में पानी के घड़े छूनें पर मनुवादियों ने भारी विरोध किया था और आज 2022 में 105 साल बाद 9 साल के अबोध छात्र इंद्र कुमार मेघवाल को स्कूल में पानी का घड़ा छूने पर मनुवादी हेड मास्टर ने मासूम इंद्र कुमार को मौत के घाट उतार दिया। इसके बावजूद भी सरकार और सरकार के नुमाइंदे मौन है। देश के मूल निवासियों पर मनुवादी व्यवस्था के तहत लगातार अन्याय-अत्याचार हो रहे है।
बहुजन क्रांति मोर्चा, राष्ट्रीय मूलनिवासी अत्यंत पिछड़ी जाति जागृति मोर्चा एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता इस क्रूरत्तम घटना की घोर निंदा करते है और आपसे मांग करते है कि मासूम इंद्र कुमार को मौत के घाट उतारने वाले जातिवादी हेड मास्टर शैलू सिंह के खिलाफ अविलंब कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई कराने एवं मृतक के पीड़ित परिवार को एक करोड़ रूपया मुआवजा,पीड़ित परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी एवं सरकारी भवन दिलाने की मांग करता है।
सभी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने ऐलान किया है किअगर पीड़ित परिवार को शीघ्र न्याय नहीं मिला तो मूलनिवासी बहुजन समाज के सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता बहुजन क्रांति मोर्चा के बैनर पर धरना प्रदर्शन करने पर बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। ज्ञापन देने वालों में चमार वाल्मीकि महासंघ के जिलाध्यक्ष भानपाल रवि,डॉ राजकुमार,प्रदेश अध्यक्ष बीएमपी संजय मूलनिवासी, नरेश प्रधान,एडवोकेट रूपचंद, एडवोकेट सचिन बेदी,रविंद्र कुमारआनेकी,वरिष्ठ समाजसेवी सी.पी.सिंह,मनजीत सिंह कटारिया, अजय कुमार, ब्रह्मपाल,अरविंद, अशोक कुमार कटारिया, एडवोकेट नवीन चंचल,दीपक राठौर,आशु चंचल,ललिता रानी राष्ट्रीय महामंत्री राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ, अनिल कुमार,विशेष,सचिन पेवल, पूर्व प्रिंसिपल फूल सिंह,पास्टर सुरेंद्र, शिवकुमार,जितेंद्र तेश्वर,रफल पाल, सूरजपाल,मास्टर जगदीश,कुलदीप कांगड़ा,अभिनव कुमार चंचल, विशाल प्रधान,नीरज बागड़ श्रीमती नीलम, बबीता,बलजोरी,दीपा,ममता, इंजी.अमित कुमार चनालिया, सतपाल शास्त्री,जसवंत तेश्वर, आशीष,संजीव बाबा,सुनील राजोर, जितेश जाटव,रोहित कुमार हरिराम संजय पारचा,मनी,जगन, अनुराग, अनिल कुमार चमार,रूपचंद आदि उपस्थित थे
ब्यूरो रिर्पोट