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अयोध्या राम मंदिर में सफाई कर्मी बीए की छात्रा के बलात्कारियोंकी गिरफ्तारी को राष्ट्रपति भेजा ज्ञापन

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बामसेफ के आफसूट संगठन चमार वाल्मीकि महासंघ एवं बहुजन क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने अयोध्या राम मंदिर में सफाई करने वाली बीए की छात्रा के साथ अगस्त माह में कई दिनों तक किए गए सामूहिक बलात्कार के विरोध में प्रदर्शन कर महामहिम राष्ट्रपति महोदया के नाम सिटी मजिस्ट्रेट हरिद्वार को ज्ञापन प्रस्तुत किया।
      बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रदेश संयोजक भंवर सिंह ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या के राम मंदिर की सफाई करने वाली बीए की छात्रा के साथ नौ लोगों ने बलात्कार किया और उसकी वीडियो बनाकर 16 अगस्त से 25 अगस्त तक लड़की को ब्लैकमेल करते हुए अलग-अलग जगहों पर कई दिनों तक लगातार सामूहिक बलात्कार किया है। इस घटना ने मूल निवासी बहुजन समाज को झकझोर कर रख दिया है। भगवान राम के मंदिर में कई दिनों तक अंतिम वर्ष बीए की छात्रा सफाई कर्मचारी के साथ सामूहिक बलात्कार करने की घटना से मूल निवासी बहुजन समाज में भारी आक्रोश है।

चमार वाल्मीकि महासंघ के जिला अध्यक्ष भानपाल सिंह रवि ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की वफादार मनुवादी भाजपा सरकार की पुलिस बलात्कार की पीड़िता को कई दिनों तक इधर से उधर भटकाती रही। इसके बाद कप्तान साहब से मिलने के बाद 2 सितंबर 2024 को पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज की गई। जिसमें पांच बलात्कारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या राम मंदिर में सामूहिक बलात्कार की एवं अनुसूचित जाति के आरक्षण में क्रिमी लेयर एवं वर्गीकरण की घटना ने मनुवादी।

भाजपा सरकार की करनी व कथनी को बेनकाब कर दिया है
 वरिष्ठ समाजसेवी नरेश चनालिया ने कहा कि वैसे तो मनुवादियों के मंदिरों में बलात्कार की घटनाएं अक्सर सुनने को मिलती रही है परंतु हाल ही में अयोध्या में बनाए गए सबसे बड़े भगवान राम के मंदिर में 9-9 लोगो के द्वारा कई दिनों तक बीए की छात्रा सफाई कर्मचारी के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना ने देश व दुनिया को सकते में डाल दिया है।


राष्ट्रीय मूल निवासी अत्यंत पिछड़ी अनुसूचित जाति जागृति मोर्चा के प्रदेश प्रभारी राजेंद्र श्रमिक ने कहा कि हम मांग करते हैं कि फास्ट्रेक कोर्ट चला कर सभी बलात्कारियों के खिलाफ अविलंब कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए और सामूहिक बलात्कार की पीड़िता को एक करोड़ रूपया मुआवजा एवं पीड़िता एवं उसके पीड़ित परिवार को सुरक्षा दी जाए और पीड़िता को सरकार द्वारा सरकारी नौकरी दिलाई जाए।  
उन्होंने कहा कि अगर सरकार पीड़िता को शीघ्र न्याय नहीं दिलाती है तो उत्तराखंड में बामसेफ के ऑफसूट संगठनों के कार्यकर्ता  धरने प्रदर्शन करने पर बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी

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