दिनांक 26 नवंबर 1949
भारतीय संविधान का इतिहास
द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद जुलाई 1945 में ब्रिटेन ने भारत संबन्धी अपनी नई नीति की घोषणा की तथा भारत की संविधान सभा के निर्माण के लिए एक कैबिनेट मिशन भारत भेजा जिसमें 3 मंत्री थे। 15 अगस्त 1947 को भारत के स्वतन्त्र हो जाने के पश्चात संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 1 दिसम्बर 1947 से आरम्भ कर दिया। संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे।
विश्वविख्यात भारतीय संविधान विश्वप्रसिद्ध विधिवेत्ता, संविधान विशेषज्ञ, विद्वान प्रज्ञावान बोधिसत्व एवं समानता स्वतंत्रता मानवता न्याय बंधुत्व और लोक कल्याणकारी लोकतंत्रात्मक गणराज्य भारत के संस्थापक युगप्रवर्तक “युगपुरुष बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर” के मार्गदर्शन में निर्मित किया गया है। भारतीय संविधान सभा ने 2वर्ष, 11 माह, 18दिन में कुल 114 दिन चर्चा कियी। संविधान सभा में कुल 12 अधिवेशन किए तथा अंतिम दिन 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किया और संविधान बनने में 166 दिन बैठक की गई इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी। भारत के संविधान के निर्माण में संविधान सभा के सभी 389 सदस्यो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दिनांक 26 नवम्बर 1949 को सविधान सभा ने पारित किया। भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।
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